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गोपाल:=हम तुम को पहचानते हैं मगर याद नहीं है कि हम कहां मिले थे.
भोपाल:= हमको याद है तुमको कुत्ते बिल्ली के तरफ पीट रहे थे अनेक आदमी हमने मैं वहां जाकर तुझे बचाया ।
गोपाल =:हां याद आया।
😀😁😅
झामलाल जी =:देखिए ना मुर्गी अंडा दे रही है ।
गोपाल=:इसमें कौन सी बड़ी बात है।
झामलाल=: काश में मुर्गी होती ।में भी अंडा देता।अंडा केा बाजार में जाकर बेचते , रुपया कामाते ।
😁😀😅
भोपाल =:(भोपाल से) तुम्हें दूर को सोचना है.
भोपाल (घर से बाहर निकलकर) हां मैं घर से निकल कर दूर से सोच रहा हूं.
😁😂😅
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